[ Poem-1 ] आसान नहीं है जिंदगी जीना
आसान नहीं है जिंदगी जीना, बहुतसी ठोकरे खानी पड़ती है।
और ठोकरे ना खानी पड़े,
तो वो जिंदगी कैसे होगी भला। बहुतसी इच्छाएं यहा,
दिल में ही दफ़नानी पड़ती है।
ख़ुद से रूकना हमेशा मना होता है, इसलिए चलना ही पड़ता है।
आसपास सब होता है,
फिर भी अकेलापन ख़लता है।
आसान नहीं है ज़िंदगी जीना…
[ Poem 2 ] जिन्दगी इतनी आसान नही कभी इसे जान कर तो देखो…
जिन्दगी इतनी आसान नही कभी इसे जान कर तो देखो,
एक हंसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द कभी पहचान कर तो देखो…
यूं ही नही लोग हंसी से अपना गम छुपाते है जब कोई न हो
गम बाटने वाला तो ,वो झूठ की मुस्कान सीख ही जाते है|
जिन्दगी इतनी आसान नही कभी इसे जानकर तो देखो…
यूं ही नही हम डूब जाते है खामोशियो मे …
कभी इन खामोशियो का दर्द जानकर तो देखो,
यूं ही नही लोग तन्हाईयो को अपना साथी बनाते है…
जब कोई न हो समझने और सुनने वाला तो वो तन्हाईयो मे डूब ही जाते है|
जिन्दगी इतनी आसान नही कभी इसे जानकर तो देखो,
कभी किसी के आंखो की नमी को पहचान कर तो देखो,
कभी किसी के खामोशियो को महसूस कर के तो देखो,
बहुत से रंग है इस जिन्दगी के कभी इन्हे पहचान कर तो देखो|
जिन्दगी इतनी आसान नही कभी इसे जानकर तो देखो…
पर जिन्दगी आसान हो जायेगी….
कभी किसी के आंसुओ को पोछकर तो देखो,
कभी अपने गमो को भूलकर किसी को खुशिया देकर तो देखो,
कभी किसी की खमोशियो को गुनगुना कर तो देखो,
जिन्दगी आसान हो जायेगी कभी इसे बदलकर तो देखो …
जो चाहोगे वो मिल जायेगा कभी कुछ करने की ठान कर तो देखो…
मिलेगी सच्ची खुशिया तुम्हे भी कभी बिना स्वार्थ किसी को कुछ देकर तो देखो…
जिन्दगी संवर जायेगी, सुधर जायेगी, बदल जायेगी ,
कभी किसी को दिल से अपना मानकर तो देखो|
जिन्दगी आसान हो जायेगी कभी इसे बदलकर तो देखो|
सौम्या श्रीवास्तव
इलाहाबाद